गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं लिरिक्स

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गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं लिरिक्स

गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं,
चरणारविन्दमहं भजे भजनीय सुरमुनि दुर्लभं…

घनश्याम काम अनेक छवि,
लोकाभिराम मनोहरं,
किंजल्क वसन किशोर मूरति,
भूरिगुण करुणाकरं…

सिरकेकी पच्छ विलोलकुण्डल,
अरुण वनरुहु लोचनं,
कुजव दंस विचित्र सब अंग,
दातु भवभय मोचनं…

कच कुटिल सुन्दर तिलक,
ब्रुराकामयंक समाननं,
अपहरण तुलसीदास,
त्रास बिहारी बृन्दाकाननं…

गोपाल गोकुल वल्लभे,
प्रिय गोप गोसुत वल्लभं,
चरणारविन्दमहं भजे,
भजनीय सुरमुनि दुर्लभं…

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गोपाल गोकुल वल्लभे प्रिय गोप गोसुत वल्लभं लिरिक्स (Gopal Gokul Valbhe Priya Gop Gosut Valbham Lyrics)
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