जग के वो दुख हरे सुख बरसाए लिरिक्स (Jag Ke Wo Dukh Hare Sukh Barsaye Lyrics)
जग के वो दुख,हरे सुख बरसाए…
रचना बनाकर आप खेले वो खिलाड़ी,
कहीं पर बना वो राजा कहीं पर भिखारी,
रोने लगा हार के वो जीत के हसाए,
जग के वो दुख….
बाघाम्बर लपेटें वो पहने नाग माला,
हाथ में त्रिशूल धरे नाम भोला भाला,
दीनो पर दयाल होकर लक्ष्मी लुटाए,
जग के वो दुख….
स्वर्ग से उतारी गंगा जटा में समाई,
भक्तों को तारने वो धरती पर आई,
भाल नेत्र ज्वाला से वो पापों को जलाए,
जग के वो दुख…..
महादेव महादानी जग रखवाला,
शरण में आए को वो कर दे निहाला,
उसकी लीला कौन जाने उसके सिवाय,
जग के वो दुख…..
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