हे रोम रोम में बसने वाले राम लिरिक्स (He Rom Rom Mein Basne Wale Ram Lyrics), राम जी का भजन, Ram Ji Ka Bhajan, Ram Bhajan Lyrics !
हे रोम रोम में बसने वाले राम लिरिक्स (He Rom Rom Mein Basne Wale Ram Lyrics)
हे रोम रोम में बसने वाले राम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं…
आप का बंधन तोड़ चुकी हूं,
तुझ पर सब कुछ छोड़ चुकी हूं,
नाथ मेरे मै क्यूं कुछ सोचूं तू जाने तेरा काम…
हे रोम रोम में बसने वाले राम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं…
तेरे चरण की धुल जो पायें,
वो कंकर हीरा हो जाएँ,
भाग मेरे जो मैंने पाया,
इन चरणों मे ध्यान,
हे रोम रोम मे बसने वाले राम…
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं…
भेद तेरा कोई क्या पहचाने,
जो तुझ सा को वो तुझे जाने
तेरे किये को हम क्या देवे,
भले बुरे का नाम हे रोम रोम मे बसने वाले राम…
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं…
हे रोम रोम में बसने वाले राम,
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,
मे तुझ से क्या मांगूं…
राम जी के अन्य भजन लिरिक्स (Ram Bhajan Lyrics)
हे रोम रोम में बसने वाले राम लिरिक्स (He Rom Rom Mein Basne Wale Ram Lyrics) जगत के स्वामी हे अन्तर्यामी मे तुझ से क्या मांगूं (He Rom Rom Mein Basne Wale Ram Lyrics), राम जी का भजन, Ram Ji Ka Bhajan, Ram Bhajan Lyrics !
अन्य भजन के लिए लॉगिन करें – hindibhajanlyrics.in
