बजाओ दोनों हाथ उठा के ताली राम नाम की जी लिरिक्स
बजाओ दोनों हाथ उठा के ताली राम नाम की जी,
ताली कृष्ण नाम की जी,
बोलो सब मिल के जय कारे ताली राम नाम की जी,
बजाओ दोनों हाथ उठा के ताली राम नाम की जी…
तर गई गरिका सुर कबीरा राम नाम को गा कर ही,
तुलसी शबरी जटायु तर गए राम दर्श को पा कर ही,
प्रभु चरण धो केवट भैया अपना भाग जगाये जी,
रघु किरपा से बनी अहिल्या फिर पत्थर से नारी जी,
बजाओ दोनों हाथ उठा के ताली राम नाम की जी…
कृष्ण की भगती में देखो मीरा भी हुई दीवानी थी,
कुछ भी उस को कमी नही थी वो मेंहलो की रानी रही,
हस कर पी गई विष का प्याला,
वो एसी मतवाली थी,
श्याम दर्श की आस न त्यागी उसने हार न मानी थी,
बजाओ दोनों हाथ, उठा के ताली राम नाम की जी…
हरे कृष्णा हरे कृष्णा हरे हरे,
हरे राम हरे राम हरे हरे…
सदा तेरे ये मन्त्र जाप वो भव सागर तर जाता है,
करलो दिल से प्रभु की भगती आओ झूमो नाचो जी,
बजाओ दोनों हाथ, उठा के ताली राम नाम की जी…
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