श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स | Siddhivinayak Aarti Lyrics

भजन को शेयर जरूर करें-:

श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स (Siddhivinayak Aarti Lyrics) -: जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शनमात्रे मनः, कमाना पूर्ति, Siddhivinayak Ki Aarti Lyrics !

Siddhivinayak Aarti Lyrics ( श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स )

श्री सिद्धिविनायक आरती लिरिक्स (Siddhivinayak Aarti Lyrics)

ॐ…ॐ…ॐ…
वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ,
निर्विघ्नम् कुरु मे देव, सर्व कार्येषु,, सर्वदा !!
ॐ…..

ॐ गं गणपतये नमो नम:, श्री सिध्धी-विनायक नमो नम:
अष्ट-विनायक नमो नम:, गणपती बाप्पा मौर्य, मंगल मूर्ति मौर्य !

सुख कर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची, नूर्वी पूर्वी प्रेम, कृपा जयाची,
सर्वांगी सुन्दर, उटी-शेंदु राची, कंठी-झलके माल, मुकता फळांची,
जय देव जय देव, जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शन मात्रे मनःकामना पूर्ति, जय देव जय देव !!

रत्न खचित फरा, तुझ गौरी कुमरा, चंदनाची उटी, कुमकुम केशरा,
हीरे जडित मुकुट, शोभतो बरा, रुन्झुनती नूपुरे, चरनी घागरिया,
जय देव जय देव, जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शन मात्रे मनःकामना पूर्ति, जय देव जय देव !!

लम्बोदर पीताम्बर, फनिवर वंदना, सरल सोंड, वक्रतुंडा त्रिनयना,
दास रामाचा, वाट पाहे सदना, संकटी पावावे, निर्वाणी रक्षावे,
सुरवर वंदना, जय देव जय देव !
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शन मात्रे मनःकामना पूर्ति,
जय देव जय देव….!!

शेंदुर-लाल चढायो, अच्छा गज मुख को, दोन्दिल लाल बिराजे, सूत गौरिहर को,
हाथ लिए गुड लड्डू, साई सुरवर को, महिमा कहे ना जाय, लागत हूँ पद को,
जय देव जय देव, जय जय जी गणराज, विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन, मेरा मन रमता, जय देव जय देव !!

अष्ट सिधि दासी, संकट को बैरी, विघन विनाशन मंगल, मूरत अधिकारी,
कोटि सूरज प्रकाश, ऐसे छवि तेरी, गंडस्थल मदमस्तक, झूल शशि बहरी,
जय देव जय देव, जय जय जी गणराज, विद्या सुखदाता,
धन्य तुम्हारो दर्शन, मेरा मन रमता, जय देव जय देव !!

भाव भगत से कोई, शरणागत आवे, संतति संपत्ति सब ही, भरपूर पावे,
ऐसे तुम महाराज, मोको अति भावे, गोसावी नंदन, निशि दिन गुण गावे,
जय देव जय देव, जय जय जी गणराज, विद्या सुखदाता,
हो स्वामी सुख दाता, धन्य तुम्हारो दर्शन, मेरा मन रमता,
जय देव जय देव…..!!

जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति, दर्शन मात्रे मनःकामना पूर्ति,
जय देव जय देव…!!

!! श्री शंकराची आरती !!

लवथवती विक्राला, ब्रह्मांडी माला, विषें कंठ काला, त्रिनेत्रीं ज्वाला,
लावण्य सुंदर, मस्तकी बाला, तेथुनियां जल निर्मल, वाहे झुलझुलां,
जय देव जय देव, जय देव जय देव, जय श्री शंकरा,
हो स्वामी शंकरा, आरती ओवालू, तुज कर्पुरगौरा,
जय देव जय देव….!!

कर्पुरगौरा भोला, नयनीं विशाला, आर्धांगीं पार्वती, सुमनांच्या माला ,
विभुतीचें उधलण, शितिकंठ नीला, ऐसा शंकर शोभे, उमावेल्हाला,
जय देव जय देव….!!
जय देव जय देव, जय श्री शंकरा, हो स्वामी शंकरा,
आरती ओवालू, तुज कर्पुरगौरा, जय देव जय देव….!!

देवी दैत्यीं सागर, मंथन पैं केलें, त्यामाजी अवचित, हलाहल उठिलें,
तें त्वां असुरपणें, प्राशन केलें, नीलकंठ नाम, प्रसिद्ध झालें,
जय देव जय देव !!
जय देव जय देव, जय श्री शंकरा, हो स्वामी शंकरा,
आरती ओवालू, तुज कर्पुरगौरा, जय देव जय देव…!!

व्याघ्रांबर फणिवरधर, सुंदर मदनारी, पंचानन मनमोहन, मुनिजन सुखकारी,
शतकोटीचें बीज, वाचे उच्चारी, रघुकुल तिलक, रामदासा अंतरी,
जय देव जय देव, जय देव जय देव, जय श्री शंकरा,
हो स्वामी शंकरा, आरती ओवालू, तुज कर्पुरगौरा,
जय देव जय देव….!!

!! श्री दुर्गा देवीची आरती !!

दुर्गे दुर्घट भारी, तुजविण संसारी, अनाथ नाथे अंबे, करुणा विस्तारी,
वारी वारी जन्म, मरणाते वारी, हारी पडलो आता, संकट निवारी,
जय देवी जय देवी, जय देवी जय देवी, महिषासुरमथनी,
सुरवर ईश्वर वरदे, तारक संजीवनी, जय देवी जय देवी…!!

त्रिभुवनी भुवनी पाहतां, तुज ऐसे नाही, चारी श्रमले परंतु, न बोलवे काहीं,
साही विवाद करितां, पडिले प्रवाही, ते तूं भक्ता लागी, पावसि लवलाही,
जय देवी जय देवी…!!
जय देवी जय देवी, महिषासुरमथनी, सुरवर ईश्वर वरदे, तारक संजीवनी,
जय देवी जय देवी…!!

प्रसन्न वदने प्रसन्न, होसी निजदासां, क्लेशा पासूनि सोडवी, तोड़ी भवपाशा,
अंबे तुज वांचून, कोण पुरविल आशा, नरहरि तल्लिन झाला, पदपंकजलेशा,
जय देवी जय देवी…!!
जय देवी जय देवी, महिषासुरमथनी, सुरवर ईश्वर वरदे, तारक संजीवनी,
जय देवी जय देवी…!!

सिद्धिविनायक आरती (Siddhivinayak Aarti Lyrics)

!! आरती घालीन लोटांगण !!

घालीन लोटांगण, वंदीन चरण, डोलयाँनी पाहीन, रुप तुझें,
प्रेमें आलिंगन, आनंदे पूजिन, भावें ओवालीन, म्हणे नामा !!

त्वमेव माता च, पिता त्वमेव, त्वमेव बंधु ‘च, सखा त्वमेव,
त्वमेव विद्या, द्रविड़म त्वमेव, त्वमेव सर्वं, मम देवदेव !!

कायेन वाचा, मनसेंद्री येव्रा, बुद्धयात्मना वा, प्रकृति स्वभावात,
करोमि यध्य्त, सकलं परस्मे, नारायणायेति, समर्पयामि !!

अच्युतं केशवं, रामनारायणं, कृष्णदामोदरं, वासुदेवं हरि,
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं, जानकी नायकं, रामचंद्र भजे !!

हरे राम हर राम, राम राम हरे हरे, हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे !!

ये भी पढ़ें – श्री गणेश चालीसा लिरिक्स (अर्थ सहित )

अन्य आरती संग्रह (Aarti Sangrah Lyrics)
श्री गंगा मां की आरतीश्री बालाजी आरती
पार्वती माता की आरतीसूर्य देव की आरती
श्री विश्वकर्मा आरतीगायत्री माता की आरती
रामायण जी की आरतीश्री बांके बिहारी तेरी आरती गाऊं
सत्यनारायण भगवान की आरतीखाटू श्याम जी की आरती
Siddhivinayak Aarti Lyrics Video !

For More Login – hindibhajanlyrics.in

भजन को शेयर जरूर करें-: