शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी लिरिक्स

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शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी लिरिक्स, Shiv To Thehre Sanyasi Gora Pachtaogi Lyrics

शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी लिरिक्स

शिव तो ठहरे सन्यासी गौरा पछताओगी,
भटकोगी वन वन में घर नहीं पाओगी,
शिव तो ठहरे, सन्यासी…

गौरां तेरे दुल्हे का, घर न दुहरिया है,
ऊंचे ऊंचे पर्वत पे, कैसे रह पाओगी,
शिव तो ठहरे…

गौरां तेरे दुल्हे की, माँ ना बहनिया है,
भूत प्रेतालों संग, कैसे रह पाओगी,
शिव तो ठहरे…

गौरां तेरे दुल्हे के, गहने ना कपड़े हैं,
काले काले नागों को, देख डर जाओगी,
शिव तो ठहरे…

गौरां तेरे दुल्हे की, मोटर ना गाड़ी है,
बूढ़े बैल नंदी पे, कैसे चढ़ पाओगी,
शिव तो ठहरे…

जैसा पति मुझ को मिला, वैसा पति सब को मिले,
उसके दर्शन से, सब तर जाओगी,
शिव तो ठहरे…

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