कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर लिरिक्स (Kabhi To Bhole Bhandari Ho Kabhi To Roop Bhayankar Lyrics)
महिमा तेरी समज सका न कोई भोले शंकर,
कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर…
भगतो के मन को भाति है भोले छवि तुम्हारी,
माथे चंदा जटा में गंगा और नंदी की सवारी,
बाए अंग में गोरा माता बैठी आसन ला कर,
कभी तो भोले भंडारी हो कभी तो रूप भयंकर…
भोर भयंकर रूप तुम्हारा जब तांडव हो करते,
सुर नर मुनि और देवता भी है ऐसे रूप से डरते,
परले कारी रूप दिखे जब खोलो तीसरा नेत्र,
कभी तो भोले भंडारी हो, कभी तो रूप भयंकर…
है विनती मेरी ये भोले किरपा मुझपे करना,
तेरे चरणों में रेह कर है तेरा नाम सुमीर ना,
सुरेश खड़ा है देखो दोनों हाथ जोड़ कर,
कभी तो भोले भंडारी हो, कभी तो रूप भयंकर…
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