भाल पे चंद्रमा लिरिक्स
इसे लेहरा के गंगा जटा से बही,
दृश्य ऐसा हुआ है ना होगा कही,
मानो ऐसा लगा जैसे बरसी घटा,
देख के ये छटा तो मजा आ गया…
भाल पे चंद्रमा कंठ में नील माँ,
देखा जोगी जो ऐसा मजा आ गया,
मनो ऐसा लगा जैसे बरसी घटा
देख के ये छटा तो मजा आ गया…
नाग विष धर गले में लवटे हुए,
सारी सृष्टि स्वयं पे समेटे हुए,
त्रि नैन में वसा त्रिववं का नशा,
इसमें जो डूबा मजा आ गया,
भाल पे, चंद्रमा कंठ में नील माँ…
प्रकृति और पुरष गोरी शंकर बने,
हुए जब एक अरधनैश्वर बने,
आधा तन गोरी का आधा तन भोले का,
देख अद्भुत नजारा मजा आ गया,
भाल पे चन्दर माँ कंठ में नील माँ…
शिव जी के अन्य भजन (Shiv Bhajan Lyrics)
तांबे के लोटे में घोटी जो भांग | ॐ नमः शिवाय लिरिक्स |
सुनो न प्राथना मेरी हे भोले | शिव शंकर मेरा प्यारा लिरिक्स |
तू हर हर बम बम बोल | मेरी छोटी सी गौरा बनेगी |
Shiv Bhajan Lyrics Video !
अन्य भजन के लिए लॉगिन करें – hindibhajanlyrics.in