वृन्दावन धाम पुनीत परम लिरिक्स (Vrindavan Dham Punit Param Lyrics)
वृन्दावन धाम पुनीत परम, इसकी महिमा का क्या कहना,
श्रीश्यामा श्याम जहाँ बसते, उस पुण्य-धरा का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत परम, इसकी महिमा का क्या कहना,
श्रीश्यामा श्याम जहाँ बसते, उस पुण्य धरा का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत-परम, इसकी महिमा का क्या कहना…
श्रीकृष्ण जहाँ यमुना तट पर, वृषभानु सुता संग केलि करें,
अभिसिक्त प्रेम रस श्यामा के, श्रीकृष्ण धाम का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत-परम, इसकी महिमा का क्या कहना,
श्रीश्यामा श्याम जहाँ बसते, उस पुण्य धरा का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत………
आवाज जहाँ मथने की दही, नित निद्रा प्रातः दूर करे,
होते दर्शन श्री अंगों के, गोपीजन श्याम का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत-परम, इसकी महिमा का क्या कहना,
श्रीश्यामा श्याम जहाँ बसते, उस पुण्य धरा का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत……….
वृषभानु नन्दनी श्रीराधा, श्रीश्याम को मैं नित नमन करूँ,
हे युगल स्वरूप शरण तेरी, तूँ जान तुझे जो भी करना,
वृन्दावन धाम पुनीत-परम, इसकी महिमा का क्या कहना,
श्रीश्यामा श्याम जहाँ बसते, उस पुण्य धरा का क्या कहना,
वृन्दावन धाम पुनीत………
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