उसकी रजा से शिकवा कैसा लिरिक्स (Uski Raza Se Shikwa Kaisa Lyrics) ये इंसान का खेल नहीं, गाके साई का राग नकली दुनिया को त्याग, Krishna Bhajan Lyrics Hindi.

उसकी रजा से शिकवा कैसा लिरिक्स (Uski Raza Se Shikwa Kaisa Lyrics)
उसकी रजा से शिकवा कैसा ये इंसान का खेल नहीं,
गाके साई का राग नकली दुनिया को त्याग,
बहुत नींद हो चुकी झूठे सपनो से जाग,
पूजा पाठ के सागर में पानी और आग का मेल नहीं,
वो दीपक भी जल सकता है जिस दीपक में तेल नहीं,
उसकी रजा से शिकवा…….
उसके भागो में चल उसकी शाखों में,
झूम दुनिया भर में मचा उसकी मर्जी की धूम,
उसकी छतर में हरा भरा है कौन सा भुटा बेल नहीं,
वो दीपक भी जल सकता है जिस दीपक में तेल नहीं,
उसकी रजा से शिकवा…….
हर घडी रात दिन बस वोही नाम ले,
शुक्र की बात कर सबर से काम ले,
साई नाथ की राह पे चलना,इम्तेहान है खेल नहीं,
वो दीपक भी जल सकता है जिस दीपक में तेल नहीं,
उसकी रजा से……..
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