शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से लिरिक्स (Shiv Shankar Tumhari Jataao Se Lyrics)
शिव शंकर तुम्हरी जटाओ से गंगा की धारा बहती है,
सारी श्रिस्टी इस लिए तुम्हे गंगा धारी शिव कहती है,
शिव शंकर, तुम्हरी जटाओ से…
भागी रथ ने अवान किया गंगा को धरा पे लाना है,
अपने पुरखो को गंगा जल से भव से पार लगाना है,
गंगा का वेद प्रबल है बहुत मन में संखा ये रहती है,
शिव शंकर, तुम्हरी जटाओ से…
भागी रथ ने तप गौर किया,
तुम को के परसन दयाल हुए,
गंगा का वेद जटाओ में तुम धरने को त्यार हुए,
विष्णु चरणों निकली गंगा शिव जता में जाके ठहर ती है,
शिव शंकर, तुम्हरी जटाओ से…
शिव जता से फिर निकली गंगा निरल धारा बन बहने लगी,
भागी रथ के पीछे पीछे गंगा,
फिर भागी रथ के पुरखो का कल्याण माँ गंगा करती है,
शिवशंकर-तुम्हरी जटाओ से….
शिव जी के अन्य भजन (Shiv Bhajan Lyrics)
आओ महिमा गाएं भोलेनाथ की | हे शिव शंकर भक्ति की ज्योति |
बम लहरी ओ मेरा बम लहरी | कैलाश के निवासी नमो बार बार हूँ |
गौरा रानी के रसीले नैना लिरिक्स | डमरू बजाके बाबा देदो दर्शन जी |
Shiv Bhajan Video !
For More Bhajan Login – hindibhajanlyrics.in