माँ सरस्वती चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित | Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi

भजन को शेयर जरूर करें-:

माँ सरस्वती चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित (Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi) – सरस्वती चालीसा लिरिक्स पढ़ने के फायदे, Saraswati Chalisa Lyrics Ke Labh, Anuradha Paudwal Saraswati Chalisa Lyrics !

Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi

सरस्वती चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित (Saraswati Chalisa Lyrics In Hindi)

दोहा
जनक जननि पद्मरज, निज मस्तक पर धरि !
बन्दौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि !
पूर्ण जगत में व्याप्त तव, महिमा अमित अनंतु !
दुष्जनों के पाप को, मातु तु ही अब हन्तु !

अर्थ: माता-पिता के चरणों की धूल मस्तक पर धारण करते हुए हे सरस्वती मां, आपकी वंदना करता हूं/करती हूं, हे दातारी मुझे बुद्धि की शक्ति दो !
आपकी अमित और अनंत महिमा पूरे संसार में व्याप्त है, हे मां रामसागर के पापों का हरण अब आप ही कर सकती हैं !

चालीसा
जय श्री सकल बुद्धि बलरासी, जय सर्वज्ञ अमर अविनाशी !
जय जय जय वीणाकर धारी, करती सदा सुहंस सवारी !
रूप चतुर्भुज धारी माता, सकल विश्व अन्दर विख्याता !
जग में पाप बुद्धि जब होती, तब ही धर्म की फीकी ज्योति !

अर्थ: बुद्धि का बल रखने वाली अर्थात समस्त ज्ञान शक्ति को रखने वाली हे सरस्वती मां, आपकी जय हो। सब कुछ जानने वाली, कभी न मरने वाली, कभी न नष्ट होने वाली मां सरस्वती, आपकी जय हो !
अपने हाथों में वीणा धारण करने वाली व हंस की सवारी करने वाली माता सरस्वती आपकी जय हो !
हे मां आपका चार भुजाओं वाला रुप पूरे संसार में प्रसिद्ध है !
जब-जब इस दुनिया में पाप बुद्धि अर्थात विनाशकारी और अपवित्र वैचारिक कृत्यों का चलन बढता है तो धर्म की ज्योति फीकी हो जाती है !

तब ही मातु का निज अवतारी, पाप हीन करती महि तारा !
वाल्मीकिजी थे हत्यारा, तव प्रसाद जानै संसारा !
रामचरित जो रचे बनाई, आदि कवि की पदवी पाई !
कालिदास जो भये विख्याता, तेरी कृपा दृष्टि से माता !

अर्थ: हे मां तब आप अवतार रुप धारण करती हैं व इस धरती को पाप मुक्त करती हैं !
हे मां सरस्वती, जो वाल्मीकि जी हत्यारे हुआ करते थे, उनको आपसे जो प्रसाद मिला, उसे पूरा संसार जानता है !
आपकी दया दृष्टि से रामायण की रचना कर उन्होंनें आदि कवि की पदवी प्राप्त की !
हे मां आपकी कृपा दृष्टि से ही कालिदास जी प्रसिद्ध हुये !

तुलसी सूर आदि विद्वाना, भये और जो ज्ञानी नाना !
तिन्ह न और रहेउ अवलम्बा, केव कृपा आपकी अम्बा !
करहु कृपा सोइ मातु भवानी, दुखित दीन निज दासहि जानी !
पुत्र करहिं अपराध बहूता, तेहि न धरई चित माता !

अर्थ: तुलसीदास, सूरदास जैसे विद्वान और भी कितने ही ज्ञानी हुए हैं !
उन्हें और किसी का सहारा नहीं था, ये सब केवल आपकी ही कृपा से विद्वान हुए मां !
हे मां भवानी, उसी तरह मुझ जैसे दीन दुखी को अपना दास जानकर अपनी कृपा करो !
हे मां, पुत्र तो बहुत से अपराध, बहुत सी गलतियां करते रहते हैं, आप उन्हें अपने चित में धारण न करें !

राखु लाज जननि अब मेरी, विनय करउं भांति बहु तेरी !
मैं अनाथ तेरी अवलंबा, कृपा करउ जय जय जगदंबा !
मधुकैटभ जो अति बलवाना, बाहुयुद्ध विष्णु से ठाना !
समर हजार पाँच में घोरा, फिर भी मुख उनसे नहीं मोरा !

अर्थ: हे मां मैं कई तरीके से आपकी प्रार्थना करता हूं, मेरी लाज रखना !
मुझ अनाथ को सिर्फ आपका सहारा है। हे मां जगदंबा दया करना, आपकी जय हो, जय हो !
मधु कैटभ जैसे शक्तिशाली दैत्यों ने भगवान विष्णू से जब युद्ध करने की ठानी !
तो पांच हजार साल तक युद्ध करने के बाद भी विष्णु भगवान उन्हें नहीं मार सके !

मातु सहाय कीन्ह तेहि काला, बुद्धि विपरीत भई खलहाला !
तेहि ते मृत्यु भई खल केरी, पुरवहु मातु मनोरथ मेरी !
चंड मुण्ड जो थे विख्याता, क्षण महु संहारे उन माता !
रक्त बीज से समरथ पापी, सुरमुनि हदय धरा सब काँपी !

अर्थ: हें मां तब आपने ही भगवान विष्णु की मदद की और राक्षसों की बुद्धि उलट दी !
इस प्रकार उन राक्षसों का वध हुआ। हे मां मेरा मनोरथ भी पूरा करो !
चंड-मुंड जैसे विख्यात राक्षस का संहार भी आपने क्षण में कर दिया !
रक्तबीज जैसे ताकतवर पापी जिनसे देवता, ऋषि-मुनि सहित पूरी पृथ्वी भय से कांपने लगी थी !

काटेउ सिर जिमि कदली खम्बा, बारबार बिन वउं जगदंबा !
जगप्रसिद्ध जो शुंभनिशुंभा, क्षण में बाँधे ताहि तू अम्बा !
भरतमातु बुद्धि फेरेऊ जाई, रामचन्द्र बनवास कराई !
एहिविधि रावण वध तू कीन्हा, सुर नरमुनि सबको सुख दीन्हा !

अर्थ: हे मां आपने उस दुष्ट का शीष बड़ी ही आसानी से काट कर केले की तरह खा लिया। हे मां जगदंबा मैं बार-बार आपकी प्रार्थना करता हूं !
आपको नमन करता हूं। हे मां, पूरे संसार में महापापी के रुप विख्यात शुंभ-निशुंभ नामक राक्षसों का भी आपने एक पल में संहार कर दिया !
हे मां सरस्वती, आपने ही भरत की मां केकैयी की बुद्धि फेरकर भगवान श्री रामचंद्र को वनवास करवाया !
इसी प्रकार रावण का वध भी आपने करवाकर देवताओं, मनुष्यों, ऋषि-मुनियों सबको सुख दिया !

को समरथ तव यश गुन गाना, निगम अनादि अनंत बखाना !
विष्णु रुद्र जस कहिन मारी, जिनकी हो तुम रक्षाकारी !
रक्त दन्तिका और शताक्षी, नाम अपार है दानव भक्षी !
दुर्गम काज धरा पर कीन्हा, दुर्गा नाम सकल जग लीन्हा !

अर्थ: आपकी विजय गाथाएं तो अनादि काल से हैं, अनंत हैं इसलिए आपके यश का गुणगान करने का सामर्थ्य कोई नहीं रखता !
जिनकी रक्षक बनकर आप खड़ी हों, उन्हें स्वयं भगवान विष्णु या फिर भगवान शिव भी नहीं मार सकते !
रक्त दन्तिका, शताक्षी, दानव भक्षी जैसे आपके अनेक नाम हैं !
हे मां दुर्गम अर्थात मुश्किल से मुश्किल कार्यों को करने के कारण समस्त संसार ने आपको दुर्गा कहा !

दुर्ग आदि हरनी तू माता, कृपा करहु जब जब सुखदाता !
नृप कोपित को मारन चाहे, कानन में घेरे मृग नाहे !
सागर मध्य पोत के भंजे, अति तूफान नहिं कोऊ संगे !
भूत प्रेत बाधा या दुःख में, हो दरिद्र अथवा संकट में !

अर्थ: हे मां आप कष्टों का हरण करने वाली हैं, आप जब भी कृपा करती हैं, सुख की प्राप्ती होती है !
जब कोई राजा क्रोधित होकर मारना चाहता हो, या फिर जंगल में खूंखार जानवरों से घिरे हों !
जंगल में खूंखार जानवरों से घिरे हों, या फिर समुद्र के बीच जब साथ कोई न हो और तूफान से घिर जाएं !
भूत प्रेत सताते हों या फिर गरीबी अथवा किसी भी प्रकार के कष्ट सताते हों !

नाम जपे मंगल सब होई, संशय इसमें करई न कोई !
पुत्रहीन जो आतुर भाई, सबै छांड़ि पूजें एहि भाई !
करै पाठ नित यह चालीसा, होय पुत्र सुन्दर गुण ईशा !
धूपादिक नैवेद्य चढ़ावै, संकट रहित अवश्य हो जावै !

अर्थ: हे मां आपका नाप जपते ही सब कुछ ठीक हो जाता है इसमें कोई संदेह नहीं है !
जो संतानहीन हैं, वे और सब को छोड़कर आप माता की पूजा करें और हर रोज इस सरस्वती चालीसा का पाठ करें !
तो उन्हें गुणवान व सुंदर संतान की प्राप्ति होगी !
साथ ही माता पर धूप आदि नैवेद्य चढ़ाने से सारे संकट दूर हो जाते हैं !

भक्ति मातु की करैं हमेशा, निकट न आवै ताहि कलेशा !
बंदी पाठ करें सत बारा, बंदी पाश दूर हो सारा !
रामसागर बाँधि हेतु भवानी, कीजै कृपा दास निज जानी !

अर्थ: जो भी माता की भक्ति करता है, कष्ट उसके पास नहीं फटकते अर्थात किसी प्रकार का दुख उनके करीब नहीं आता !
जो भी सौ बार बंदी पाठ करता है, उसके बंदी पाश दूर हो जाते हैं !
हे माता भवानी सदा अपना दास समझकर, मुझ पर कृपा करें व इस भवसागर से मुक्ति दें !

दोहा
मातु सूर्य कान्ति तव, अन्धकार मम रूप !
डूबन से रक्षा करहु, परूँ न मैं भव कूप !
बलबुद्धि विद्या देहु मोहि, सुनहु सरस्वती मातु !
राम सागर अधम को, आश्रय तू ही देदातु !

अर्थ – हे मां आपकी दमक सूर्य के समान है, तो मेरा रूप अंधकार जैसा है !
मुझे भवसागर रुपी कुंए में डूबने से बचाओ !
हे मां सरस्वती मुझे बल, बुद्धि और विद्या का दान दीजिये !
हे मां इस पापी रामसागर को अपना आश्रय देकर पवित्र करें !

Saraswati Chalisa Lyrics In English

Doha
Janak Janani Padam Raj, Nij Mastak Par Dhari !
Bandau Matu Saraswati, Buddhi Bal De Datari !
Purn Jagat Mein Veapt Tav, Mahima Amit Anantu !
dushtjano Ke Paap Ko, Matu Tuhi Ab Hantu !

Chaupai
Jai Shri Sakal Budhi Balrasi, Jai Sarvage Amar Avinasi !
Jai Jai Jai Venakar Dhari, Karti Sada Suhans Savari !
Roop Chaturbhujdhari Mata, Sakal Vishv Andar Vikhata !
Jag Mein Paap Budhi Jab Hoti, tab Dharm Ki Phiki Jyoti !

Tab hi Matu ka Nij Avtari, Paap Heen Karti Mahitari !
Balmiki Ji The hatyara Gyani, Tav Prsad Jane Sansara !
Ramchrit Jo Rache Banai, Aadi Kavi Ki Padvi Pai !
Kalidas Jo Bhae Vikhata, Teri Kripa Drishti Se Mata !

Tulsi Sur Aadi Vidvana, Bhaye Aur Jo Gyani Nana !
Tinhe Na Aur Raheu Avlamba, Kev Kripa Aapki Amba !
Krhu Kripa Soi Matu Bhavani, Dukhit Din Nij Dsahi Jani !
Putra Krai Apradh Bahuta, Tehi Na dhari Chitt Mata !

Rakhu Laj Janani Ab Meri, Vine Karu Bahu Bhanti bhu teri !
Mein Anath Teri Avlamba, Kripa Karu Jai Jai Jagdamba !
Madhu Kaitabh Jo Ati Balvana, Bahuyudh Vishnu Te Thana !
Samar Hajar Panch Mein Ghora, Phir Bhi Mukh Unse Nahi Moda !

Matu Sahae Bhai Tehi Kala, Budhi Viprit Kari Khalhala,
Tehi Mritu Bhai Khal Keri, Purvahu Matu Manorath Meri
Chand Mund Jo The Vikhyata, Chan Mahu Saharu Tehi Mata,
Raktabij Se Samrath Papi, Sur-Muni Hride Dhara Sab Kampi !!

Kateu Sir Jimi Kadli Khamba, Baar Baar Binvau Jagdamba !
Jag Prasidh Jo Shumbh Nishumbha, Chhin Me Badhe Tahi Tu Amba !
Bharat-Matu Budhi Phereu Jayi, Ramachandra Banvas Karai !
Ehi Vidhi Ravan Vadh Tum Kina, Sur Nar Muni Sabko Sukh Dina !

Ko Samrath Tav Yash Gun Gana, Nigam Anadi Anant Bakhana !
Vishnu Rudra jas kahi Na Mari, Jinki Ho Tum Rakshakari !
Rakt Dantika Aur Shatakshi, Naam Apaar Hai Danav Bhakshi !
Durgam Kaj Dhara Par Kina, Durga Naam Sakal Jag Lina !

Durg Aadi Harani Tu Mata, Kripa Krhu Jab Jab Sukhdata !
Nrip Kopit Jo Maran Chahi, Kanan Mein Ghere Mrig Nahi !
Sagar Madhy Pot Ke Bhange, Ati Tofan Nahi Kou Sange !
Bhoot Pret Badha Yaa Dukh Mein, Ho Daridra Athava Sankat Mein !

Naam Jape Mangal Sab Koi, Sanshay Isame Karai Na Koi !
Putrahin Jo Aatur Bhai, Sabi Chandi Puje Ehi !
Karai Path Nit Yah Chaalisa, Hoy Putra Sundar Gun Isa !
Dhupadik Naivedy Chadhavei, Sankat Rahit Avashy Ho Javi !

Bhakti Matu Ki Kari Hamesha, Nikat Na Aavi Tahi Kalesha !
Bandi Path Kare Shat Bara, Bandi Pash Door Ho Sara !
Krhu Kripa Bhavamukti Bhavani, Mo Kahn Daas Sada Nij Jani !

Doha
Mata Soraj Kanti Tav, Andhakar Mam Roop !
Doban Te Raksha Krhu, Paru Na Mein Bhav-Koop !
Bal Buddhi Vidya Dehu Mohi, Sunhu Sarasvati Matu !
Adham Ram sagar adam, ko Aashrae detaru !

सरस्वती चालीसा लिरिक्स पढ़ने के फायदे ( Saraswati Chalisa Lyrics Ke Labh )

  • सरस्वती चालीसा लिरिक्स (Saraswati Chalisa Lyrics) का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है !
  • सरस्वती चालीसा की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और विवेक की प्राप्ति होती है !
  • सरस्वती चालीसा के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है !
  • मां सरस्वती चालीसा का नित्य पाठ करने से व्यक्ति अंधकार से निकलकर ज्ञानवान बनता है !
  • सरस्वती मां तो ज्ञान और कला की देवी हैं, जिन्हें इनका आशीष मिलता है, उसे तो कभी भी किसी भी तरह का अभाव हो ही नहीं सकता है !
  • सरस्वती की कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है।

अन्य चालीसा लिरिक्स संग्रह

श्री कृष्ण चालीसा लिरिक्स (अर्थ सहित)श्री कुबेर चालीसा लिरिक्स
माँ काली चालीसा लिरिक्ससाई चालीसा लिरिक्स हिंदी
श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स (अर्थ सहित)श्री गायत्री चालीसा लिरिक्स अर्थ सहित
श्री गणेश चालीसा लिरिक्स (अर्थ सहित)श्री नवग्रह चालीसा लिरिक्स
श्री लक्ष्मी चालीसा लिरिक्स अर्थ सहितश्री सीता चालीसा लिरिक्स
Saraswati Chalisa Lyrics Video !

For More Bhajan Login – hindibhajanlyrics.in

भजन को शेयर जरूर करें-: