प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है (Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyrics) -: धूप चंदन न सही मन मे भाव काफी है, राम जी का भजन, Ram Ji Ka Bhajan, Ram Bhajan Lyrics !

प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है (Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyrics)
प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है,
धूप चंदन न सही मन मे भाव काफी है…
नाना व्यंजन से नहीं रीझते है गिरधारी,
उन्हें तो प्रेम का चावल ही आधा काफी है,
प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है…
भाव के भूखे हैं और कोई उन्हें क्या देगा,
मन मे हो प्रेम तो छिलकों का भोग काफी है,
प्रभु के सामने, सर को झुकाओ काफी है…
लाख उनको बुलाओ भो कभी न आएंगे,
पूर्ण श्रद्धा से सिर्फ आधा नाम काफी है,
प्रभु के सामने, सर को झुकाओ काफी है…
राम जी के अन्य भजन लिरिक्स (Ram Bhajan Lyrics)
राम राम बोल री सखी हनुमान | जनक दुलारी के जानकी प्यारी |
जो भी भला बुरा है श्री राम | मंगल भवन अमंगल हारी |
बिना राम रघुनंदन के | रघुकुल नंदन मुक्ति बन्धन |
मैं क्या जानू राम तेरा गोरख | मेरे दिन बंधु भगवान रे |
अन्य भजन के लिए लॉगिन करें – hindibhajanlyrics.in
प्रभु के सामने सर को झुकाओ काफी है (Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyrics) -: धूप चंदन न सही मन मे भाव काफी है (Prabhu Ke Samne Sar Ko Jhukao Kafi Hai Lyrics), राम जी का भजन, Ram Ji Ka Bhajan, Ram Bhajan Lyrics. Video Song !