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हनुमत का हाथ अपने सर लिरिक्स (Hanumat Ka Haath Apne Sir Lyrics)
रूह कांप रही थी मेरी,
मन में डर डर डर था,
मन बोला जय जय बजरंग बली,
जय जय वीर हनुमान,
काहे को डर,
जब हनुमत का हाथ अपने सर…
एक सुनसान भयंकर रात थी,
घोर घोर अंधेरे की बात थी,
काप रहा था सारा अंग अंग,
मन से बोला जय जय बजरग,
बोला हनुमते और पहुंच गया घर…
भूत चुड़ैल पास नही भटकते,
जब हनुमान का नाम रटते,
हर मुश्किल का हल हनुमान,
तन मन धन से करो ध्यान,
बोलो बजरंगबली और निडर…
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