सीताराम सीताराम सीताराम बोल लिरिक्स | Sitaram Sitaram Sitaram Bol Lyrics

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सीताराम सीताराम सीताराम बोल लिरिक्स (Sitaram Sitaram Sitaram Bol Lyrics)

सीताराम सीताराम सीताराम बोल,
राधे श्याम राधे श्याम, राधे श्याम बोल,
काहे प्राणी भटक रहा है, जीवन है अनमोल रे,
सीताराम सीताराम सीताराम बोल,
राधे श्याम राधे श्याम, राधे श्याम बोल…

न कर बंदे मेरी मेरी, जीवन ख़ाक की ढेरी,
चार दिनों की चाँदनी है, और फिर है रात अँधेरी,
धर्मराज के आगे तेरे , खुल जाएंगे पोल रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

माटी के रंगीन खिलौने, माटी में मिल जाएगा,
आज नहीं तो कल यहॉं पर, कर्मो का फ़ल पाएगा,
हीरा जन्म न फ़ेर मिलेगा, कूड़े में न रोल रे,
सीताराम सीताराम सीताराम बोल…

साथी ख़ाली हाथ गए हैं, होश तुझे क्यों आए न,
जोड़ जोड़ भर लिए खज़ाने, साथ गई एक पाई न,
भवसागर के अन्दर तेरी, नईया रही है डोल रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

जिसको समझे यह जग अपना, वो एक दर्शन मेला,
अंत काल पछताएगा, जब जाएगा तूँ अकेला,
सुंदर तन पे दाग़ लगाया, मैली चादर ओढ़ रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

लाख़ चौरासी के चक्र में, काहे भटक रहा है,
भले बुरे कर्मो की फाँसी, जिस पे लटक रहा है,
साँस साँस से राम सुमिर ले, लागे न कोई मोल रे,
सीताराम सीताराम सीताराम बोल…

ये माया है आनी जानी, ये जग झूठा सपना,
मात पिता सुत बंधु प्यारे, कोई नहीं है अपना,
चार भाई श्मशान में जाकर, देंगे अकेला छोड़ रे,
सीताराम सीताराम सीताराम बोल…

चला चली का मेला है यहाँ, कोई आए कोई जाए,
राजा रँक यहाँ न कोई, ये जग एक सराय,
न जाने किस वक्त कहाँ पर, काल का वाज़े ढोल रे,
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल…

मुठी बांधे आया जगत में, हाथ पसारे जाएगा,
कोठी बंगले महल खज़ाना, यहीं धरा रह जाएगा,
गहरी नींद में सोने वाले, अब तो आँखे खोल रे,
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल…

एक पतंग की तरह रे प्राणी, तेरी अमर कहानी,
पॉँच लुटेरे लूट रहे हैं, तेरी ये जिंदगानी,
आसमान पे उड़ने वाले, कट जाएगी डोर रे,
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल…

पाँच तत्व का बना यह पिंज़रा, जिसका नाम है काया,
पँछी रैन बसेरा करता, देकर श्वास किराया,
एक दिन ख़ाली करना पड़ेगा, यह पिंज़रा अनमोल रे,
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल…

क्या तूँ लेने आया जगत में, क्या तूँ लेकर जाएगा,
दुर्लभ मानुष जन्म रे बंदे, फ़ेर नहीं तूँ पाएगा,
अभिमान में अँधा होकर, काहे मचावे शोर रे,
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल…

बनके हँस तूँ मोती चुग ले, जीवन सफ़ल बना ले,
राम नाम अमृत फ़ल ख़ाकर, अपना आप बचा ले,
लाख चौरासी चक्र में क्यों, फिरता डाँवा डोल रे,
सीता राम सीता राम, सीता राम बोल…

माँ के गर्भ में लटक रहा था, वादा खूब किया रे,
विषय विकारों की आँधी में, वादा भूल गया रे,
जकड़ ज़ंजीरों से ले जाए, बन के जाए चोर रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

कर्म वही के अन्दर चाहे, हेराफ़ेरी कर ले,
दुनियाँ भर के खाते चाहे, अपने नाम तूँ कर ले,
सच्चे मालिक के आगे तूँ , कुछ न सकेगा बोल रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

देख दिए की भांति तेरी, बाती बुझ जाएगी,
काल तूफाँ के आगे तेरी, हस्ती मिट जाएगी,
रहा न कुछ भी बस में तेरे, प्रभु से नाता जोड़ रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

अब तो नाम सिमर ले प्राणी, समय यह बीत रहा है,
न कोई बन्धु सखा है तेरा, न कोई मीत रहा है,
दूर किनारा सब ने किया है, दिया अकेला छोड़ रे,
सीता राम सीता राम सीता राम बोल…

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